महिला पत्रकार पर जानलेवा हमला
सुरक्षा की मांग
*कटरा कोतवाली क्षेत्र में महिला पत्रकार पर जानलेवा हमला, सुरक्षा पर उठे सवाल*
मिर्ज़ापुर,कटरा कोतवाली थाना क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक महिला पत्रकार को उनके घर में घुसकर जानलेवा हमले का शिकार होना पड़ा। इस घटना ने एक बार फिर मिर्ज़ापुर में महिला सुरक्षा और पत्रकारिता के खतरे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
*यह है पूरा मामला*
पीड़ित महिला पत्रकार ने हिम्मत दिखाते हुए, महज दो दिन पहले ही, आरोपी के भाई के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। सूत्रों के अनुसार, इसी पुरानी रंजिश के चलते आरोपी ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर पत्रकार के घर में धावा बोल दिया। हमले के दौरान महिला पत्रकार के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकियाँ देकर इलाके में दहशत फैलाने की भी कोशिश की गई।
खबरों के मुताबिक, हमलावर पर पहले से ही कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं, जो उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
प्रशासन पर चुप्पी का आरोप:
महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले सरकारी अधिकारियों की इस मामले में कथित खामोशी अब सवालों के घेरे में है। जनता और पत्रकार बिरादरी पूछ रही है कि जब सच बोलने वाली ‘कलम की सिपाही’ पर ही घर में घुसकर हमला हो रहा है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
*जनता के सवाल और पत्रकार की मांग*
इस घटना ने मिर्ज़ापुर की कानून व्यवस्था पर गहरा आघात किया है। जनता सवाल कर रही है:
* क्या मिर्ज़ापुर में महिला होना अब एक गुनाह बन गया है?
* क्या अब पत्रकारिता जैसे ज़िम्मेदार पेशे की सज़ा जान से चुकानी पड़ेगी?
* क्या कानून केवल कागज़ों में सिमट कर रह गया है, और अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है?
पीड़ित महिला पत्रकार ने तत्काल प्रशासन से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की है।
*पुलिस की कार्रवाई*
फिलहाल, कटरा कोतवाली पुलिस ने महिला पत्रकार की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे। हालांकि, इस घटना ने पुलिस की गश्त और ‘मिशन शक्ति’ जैसे अभियानों की प्रभावशीलता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है, जिनके तहत महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता के आधार पर बताई जाती है,